चीन की चाल से भारत सतर्क, एलएसी पर बढ़ाई सैनिकों की तैनाती.
सीमा विवाद पर लगातार हो रही है चीन से बात : भारत
- भारत सतर्क, सीमा पर सैनिकों की तैनाती
- 15 माउंटेन स्ट्राइक कॉर्प भी तैयार
- भारत ने भी तैनात की होवित्जर तोप
- चीनी मीडिया भी भारत के खिलाफ अभियान में लगा
- बातचीत के बीच चीन ने लद्दाख से अरुणाचल तक बढ़ाये सैनिक
विस्तार
पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर जारी विवाद सुलझाने के लिए एक ओर जहां लगातार बातचीत चल रही है वहीं, चीन अपनी हरकतों से भी बाज नहीं आ रहा। चीन ने लद्दाख से अरुणाचल प्रदेश तक करीब चार हजार किलोमीटर लंबी एलएसी पर बड़ी संख्या में सैनिक तैनात कए हैं। इस बीच, ड्रैगन की चालबाजी से सतर्क भारत ने भी बड़ी संख्या में सैनिक टुकड़ियां हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, सिक्किम और अरुणाचल के लिए रवाना कर दी हैं।
सरकारी सूत्रों के मुताबिक चीन ने न केवल लद्दाख बल्कि हिमाचल, उत्तराखंड, सिक्किम और अरुणाचल में भी एलएसी पर सैनिकों और हथियारों की तैनाती बढ़ाई है। ऐसे में किसी गड़बड़ी की आशंका से बचने के लिए भारत ने भी एलएसी के अग्रिम मोर्चे पर सैन्य तैनाती बढ़ा दी है। हिमाचल की रिजर्व ब्रिगेड लद्दाख सेक्टर तक पहुंच गई है। ऐसा कारू में तैनात सेना की तीसरी इन्फैंट्री बिग्रेड को सहयोग देने के लिए किया गया। हिमाचल के सीमायी इलाकों में भी अतिरिक्त लड़ाकू दस्ते तैनात किए गए हैं। इसी इलाके में पिछले माह चीनी हेलीकाप्टर दिखे थे।
15 माउंटेन स्ट्राइक कॉर्प भी तैयार
सूत्रों ने बताया, उत्तराखंड के हर्सिल-बाराहोती-नेलांग घाटी सहित अन्य सेक्टरों में भी भारतीय सैनिकों की तैनाती बढ़ाई गई है। इन इलाकों में चीनी सैनिकों के पहुंचने के पहले उसके हेलीकॉप्टरों ने उड़ान भरी थी। इसके अलावा चीनी सैनिक पैदल पेट्रोलिंग करते हुए भी दिखे। चिकेन नेक से शुरू होने वाले पूर्वी सेक्टर में सैनिकों की ट्रेनिंग ब्रिगेड, सुकना बेस की 33वीं कोर और तेजपुर स्थित चौथी ब्रिगेड को तैनात किया गया है। इसके साथ ही 17 माउंटेन स्ट्राइक कॉर्प भी तैनाती के लिए तैयार है।
भारत ने भी तैनात की होवित्जर तोप
भारत ने सीमा पर चीन की किसी भी हरकत का जवाब देने के लिए होवित्जर तोप सहित अन्य बड़े हथियार तैनात किए हैं। चीन ने एलएसी पर जैसे ही सैन्य संसाधनों के लिए निर्माण शुरू किया अप्रत्याशित रूप से उसके हेलीकॉप्टर सीमा पर विभिन्न सेक्टरों पर मंडराते देखे गए। चीनी हेलीकॉप्टरों ने हिमाचल के किन्नौर और उत्तराखंड के बाराहोती में भारतीय सीमा के करीब उड़ान भरी थी। केवल लद्दाख में चीन ने एलएसी पर दस हजार से ज्यादा सैनिक, भारी टैंक, लंबी रेंज की राइफल सहित बड़े पैमाने पर हथियार तैनात किए हैं।
लद्दाख में सबसे लंबा गतिरोध
लद्दाख में भारत-चीन के बीच अब तक का सबसे लंबा गतिरोध है। इसकी शुरुआत पांच मई को हुई जब चीन और भारतीय सेना के बीच एलएसी पर हिंसक भिड़ंत हुई। चीन ने लद्दाख सेक्टर और सिक्किम में सैन्य निर्माण शुरू कर दिए थे। सिक्किम में चीनी सैनिक के नाकू ला क्षेत्र में आने पर उनकी भारतीय सैनिकों से भिड़ंत हुई।
जारी रहेगी सैन्य कमांडर स्तर की वार्ता
भारत और चीन के बीच सीमा विवाद खत्म करने लिए सैन्य कमांडर स्तर की वार्ता जारी रहेगी। बुधवार को मेजर जनरल स्तर की वार्ता में यह तय हुआ है कि आगामी दिनों में चुशुल में विभिन्न स्तरों पर बातचीत होगी। भारत ने सैन्य कमांडरों की वार्ता में दो टूक कहा है कि जब तक चीन एलएसी से सैनिक और हथियार नहीं हटाता तनाव बना रहेगा।
चीनी मीडिया भी भारत के खिलाफ अभियान में लगा
सैन्य तनाव के बीच चीन के सरकारी मीडिया ग्लोबल टाइम्स ने भी भारत के खिलाफ अभियान शुरू किया है। ग्लोबल टाइम्स ने दावा किया कि चीन सेना ने भारत से तनाव को देखते हुए अपनी सबसे आधुनिक तोप पीसीएल-181 को लद्दाख सीमा पर तैनात किया है। इस तोप को हाल ही में सेना में शामिल किया गया है। चीनी अखबार ने कहा, चीनी सेना की 75वीं ग्रुप आर्मी की ब्रिगेड ने हाल ही में दक्षिणी सीमा पर हुए समारोह में कई नए हथियारों को शामिल किया था। 155 एमएम की इस तोप का वजन केवल 25 टन है। इससे यह बेहद आसानी से ऊंचाई वाले स्थानों पर ले जाई जा सकती है। ग्लोबल टाइम्स का दावा है कि 2017 में दोकलम विवाद के दौरान भी इन तोपों को तैनात किया गया था।
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